उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी ने राज्यपाल की मंजूरी के बाद मदरसों में नए शिक्षा सुधारों को ऐतिहासिक कदम बताया। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और राज्यपाल गुरमीत सिंह का आभार जताते हुए कहा कि यह निर्णय पसमांदा और गरीब तबके के बच्चों के भविष्य को नई दिशा देगा। कासमी ने कहा कि एनसीईआरटी सिलेबस लागू होने के बाद मदरसों के बच्चों में आत्मविश्वास और उत्साह बढ़ा है। अब ये छात्र धार्मिक शिक्षा के साथ आधुनिक शिक्षा भी प्राप्त करेंगे, जिससे वे डॉक्टर, इंजीनियर, आईएएस और आईपीएस बनकर देश की मुख्यधारा में शामिल हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “एक हाथ में कुरान, दूसरे में कंप्यूटर” के विचार को मुख्यमंत्री धामी ने साकार किया है, और यह कदम पूरे देश के लिए एक मिसाल बनेगा।![]()