मैंने अपनी खराब आर्थिक स्थिति के चलते एक लाख रुपये का लोन लिया था। सुबह करीब 11 बजे मेरे खाते में लोन की रकम आई और दोपहर तक साइबर ठग ने उसे हड़प लिया। अब पछतावा होता है कि काश मैं साइबर ठग के झांसे में नहीं आया होता।
कोरोना काल में नौकरी चले जाने के कारण मैं आर्थिक रूप से कमजोर हो गया था। यह बात अप्रैल 2023 की है। मैंने अपना छोटा कारोबार शुरू करने के लिए एक बैंक से ऑनलाइन एक लाख रुपये के लोन के लिए आवेदन किया।
कागजी कार्रवाई के बाद 24 घंटे बाद एक लाख रुपये का पर्सनल लोन मेरे खाते में आ गया। दूसरे महीने से मेरी तीन साल के लिए 3342 रुपये की मासिक किस्त भी तय हो गई। दोपहर दो बजे मुझे एक अनजान नंबर से व्हाट्सऐप कॉल आया।
कॉल करने वाले ने मुझसे पूछा कि क्या आप को लोन मिल गया है। मैंने कहा हां! एक लाख रुपये का लोन मिल गया है। उसने पूछा कि कितने फीसदी ब्याज पर आप ने लोन लिया है। मैंने बताया कि 13 फीसदी, तो उसका जवाब था कि आप को यह महंगा पड़ेगा।
मैंने उससे पूछा आप कौन हैं, तो उसका जवाब था कि मैं संबंधित बैंक का कर्मचारी बोल रहा हूं। उसने बोला कि उनके ब्याज की राशि कम की जा सकती है। उसने कहा कि लोन को पर्सनल की जगह एजुकेशन कर देंगे तो आठ फीसदी ब्याज पड़ेगा।
फिर रकम हड़प ली मैं एजुकेशन लोन के लिए तैयार हुआ तो आरोपी ने मुझसे दोबारा मेरे डाक्यूमेंट मांगे। उसने कहा कि आप के खाते में जो रकम आई है उसे आप को वापस करना होगा। बैंक की ओर से नए लोन की रकम आप को दी जाएगी। आरोपी ने मुझे एक क्यूआर कोड भेजा । मैंने बताए गए क्यूआर कोड पर धनराशि डाल दी।
(जैसा दून निवासी रमेश ने अपने साथ हुई साइबर ठगी के बारे में हिन्दुस्तान को बताया)
बैंक में कॉल किया तो होश उड़ गए
मैं करीब एक घंटे तक लोन की रकम खाते में आने का इंतजार करता रहा, लेकिन शाम तक धनराशि नहीं आई। मैंने संबंधित बैंक में कॉल किया तो उन्होंने बताया कि बैंक से ऐसा कोई कॉल नहीं आया है। यह सुनकर मेरे होश उड़ गए। बैंक ने बताया कि एक बार लोन जनरेट होने के बाद उसे चेंज नहीं किया जा सकता। इसके बाद मैं अपनी किस्मत को कोसता रहा।
अब तक भर रहा हूं किस्त
मेरे लोन की रकम तो साइबर ठग ने हड़प ली, लेकिन मैं आज भी उसकी किस्तें भर रहा हूं। हर महीने मुझे किस्त के रूप में 3342 रुपये बैंक को देने पड़ते हैं। लोन की रकम खोने के बाद मैंने अपने रिश्तेदार से उधार मांगकर कारोबार शुरू किया। इस घटना के बाद मुझे सबक मिला कि ऑनलाइन बिना पड़ताल किसी भी व्यक्ति पर भरोसा नहीं करना है।